Kamika Ekadashi 2019: शास्त्रों में उल्लेख है कि भगवान विष्णु के आराध्य श्री शिव हैं और भगवान शिव के आराध्य श्री विष्णु, इसलिए श्रावण मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली कामिका एकादशी का महत्व और भी बढ़ जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के साथ भगवान शिव की पूजा करने से हर बिगड़े काम बनते हैं। व्रत करने से उपासकों के साथ-साथ उनके पितरो के कष्ट भी दूर हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इस बार Kamika Ekadashi 2019, 28 जुलाई 2019 रविवार को है। शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति भगवान विष्णु की पूजा के साथ कामिका एकादशी व्रत को सच्चे मन से पूरे विधि विधान से करता है, उसे मनोवांछित फल मिलता है, उसके अधर में लटके काम पूरे होते हैं और व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। ऐसे में हम आपको कामिका एकादशी व्रत date, पूजा शुभ मुहुर्त, पूजा विधि, व्रत का महत्व समेत सभी जानकारी बताने जा रहे हैं।
Kamika Ekadashi 2019 Date and शुभ मुहुर्त
कामिका एकादशी 2019 तारीख– 28 जुलाई 2019 , रविवार।
एकादशी आरंभ– 27 जुलाई 2019 को शाम 7 बजकर 43 से।
एकादशी समाप्त– 28 जुलाइ 2019 को शाम 6 बजकर 49 मिनट तक।
कामिका एकादशी व्रक का पारण– 29 जुलाई 2019 को सुबह 5 बजकर 40 मिनट से 8 बजकर 23 मिनट तक।
पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय– शाम 17:09 मिनट।
कामिका एकादशी व्रत नियम
एकादशी व्रत के नियम तीन दिन का होता है। यानी दशमी, एकादशी और द्वादशी को एकादशी व्रत के नियमों का पालन किया जाता है।
- इन तीन दिनों के दौरान जातकों को चावल नहीं खाने चाहिए। इसके साथ ही लहसुन, प्याज, मसुर की दाल और तामसिक भोजन का सेवन नहीं करें।
- दशमी के दिन एक समय भोजन ग्रहण करना चाहिए और सूर्यास्त के बाद भोजन ग्रहण न कर केवल फलों का ही सेवन करें।
- एकादशी के दिन प्रात: काल उठकर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
- इस दिन जरूरतमंद लोगों को अनाज और धन का दान करें। पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था करें।
- किसी जरूरतमंद व्यक्ति को छाते का दान करें।
- एकादशी के दिन परिवार में शांति पूर्वक माहौल बनाए रखें। माता-पिता या किसी अन्य वृद्ध व्यक्ति का अनादर न करें।
- एकादशी के दिन किसी की निंदा नहीं करनी चाहिए और वाणी पर नियंत्रण रखना चाहिए।
- एकादशी की रात को जागरण करना चाहिए।
- द्वादशी के दिन पूजा कर पंडित/ब्राह्मण को भोजन एवं यथाशक्ति दान देना चाहिए और उसके बाद पारण करना चाहिए।
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कामिका एकादशी पूजा विधि
- सुबह सूर्योदय से पहले उठकर जल में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लेना चाहिए। साफ एवं सफेद या हलके पीले रंग के वस्त्र धारण कर विष्णु भगवान का ध्यान करना चाहिए।
- रविवार को एकादशी होने से विष्णुजी के साथ सूर्य देव की पूजा जरूर करें। तांबे के लोटे से सूर्य देव को जल चढ़ाएं। जल चढ़ाते समय में ‘ऊँ सूर्याय नम:’ मंत्र का जाप करें।
- पूर्व दिशा की तरफ एक पटरे पर पीला रेशमी कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की फोटो/मूर्ति को स्थापित करें।
- धूप-दीप जलाएं और कलश स्थापित करें। कलश के उपर आम के पल्लव, नारियल और लाल चुनरी बांधकर रख दें।
- भगवान विष्णु को अपने सामर्थ्य के अनुसार पीले फल-फूल, तुलसी दल, पान, सुपारी, नारियल, लौंग आदि नैवेद्य अर्पण करें और स्वयं भी पीले आसन पर बैठ जाएं।
- अपने दाएं हाथ में जल लेकर घर मे धन धान्य की बरकत के लिए भगवान विष्णु के सामने संकल्प लें।
- विधि-विधान से विष्णु जी का पूजन करें। आरती के बाद पूजा में हुई भूल के लिए भगवान से क्षमा याचना करें।
- व्रत रखने वाले को एकादशी की कथा पढ़नी या सुननी चाहिए।
- भगवान विष्णु के मन्त्र ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय‘ का यथासंभव जप करें एवं इस दिन विष्णुसहस्रनाम का पाठ अवश्य करें।
- शाम के समय भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने गाय के घी अथवा तिल के तेल का एक दीपक जलाएं।
- शास्त्रों के अनुसार कामिका एकादशी का व्रत करने वाला मनुष्य रात्रि में जागरण करके न तो कभी यमराज का दर्शन करता है और न ही कभी उसे नरकगामी होना पड़ता है।
- अब दूसरे दिन सुबह ब्राह्मणों को भोजन कराकर तथा दक्षिणा देकर उसके बाद स्वयं खाना खाना चाहिए।
कामिका एकादशी का महत्व
कामिका एकादशी को आध्यात्मिक साधकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह चेतना से सभी नकारात्मकता को नष्ट करता है और मन और हृदय को दिव्य प्रकाश से भर देता है।
हिंदू शास्त्रों के अनुसार कामिका एकादशी को जाने-अनजाने में हुए पापों की मुक्ति दिलाने वाली एकादशी कहा जाता है। कामिका एकादशी की पूजा से सभी देवता, गंधर्व और सूर्य की पूजा का फल मिल जाता है। कामिका एकादशी का व्रत करने से भगवान शिव और भगवान विष्णु का आशिर्वाद मिलता है। इस व्रत को करने से व्यक्ति के जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है, सभी तरह के कष्ट और दुख का अंत होता है, मोक्ष की प्राप्ति होती है और हर काम में सफलता मिलती है।
मान्यता है कि यह एकादशी व्रत स्वर्गलोक तथा महान पुण्यफल प्रदान करने वाली है। कामिका एकादशी का व्रत वही पुण्य प्रदान करता है, जो पूरी धरती दान करने से होता है। इस दिन श्री हरि के पूजन से जो फल मिलता है, वह गंगा, काशी, नैमिषारण्य तथा पुष्कर क्षेत्र में भी सुलभ नहीं है। जो मनुष्य श्रद्धा के साथ इसकी महिमा का श्रवण करता है, वह सब पापों से मुक्त हो श्री विष्णु लोक में जाता है।
!! नारायण नारायण !!
Kamika Ekadashi 2019 Vrat की हार्दिक शुभकामनाएं !!
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(इस आलेख में दी गई Kamika Ekadashi 2019 की जानकारियां धार्मिक आस्थाओं, हिंदू पांचांग और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं।)