Magh Gupt Navratri 2021 dates, माघ गुप्त नवरात्रि पूजा विधि, गुप्त नवरात्र महत्व, गुप्त नवरात्रि के दौरान क्या करे/नहीं, मां दुर्गा के 9 रूप
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Magh Gupt Navratri 2021: माघ गुप्त नवरात्रि, पूजा विधि और महत्व; जानिए इस दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं

Magh Gupt Navratri 2021: शक्ति की साधना के लिए चैत्र (वासंतिक) नवरात्र एवं आश्विन (शारदीय) नवरात्र के बारे में हम सभी जानते हैं लेकिन इसके अलावा भी साल में दो बार एक विशेष कालखंड में मनोकामनाओं की पूर्ति और सिद्धि, धन, ऐश्वर्या, सुख, शांति के लिए मां जगदंबे की साधना-आराधना की जाती है, जिसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है।

हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल चैत्र और आश्विन माह में नवरात्र होते हैं जिनमें लोग पूरी श्रद्धा के साथ घट स्थापना करते हैं लेकिन इन दोनों नवरात्रि के अलावा दो और नवरात्रि आते हैं – ये गुप्त नवरात्रि हैं, एक माघ महीने में और दूसरा आषाढ़ महीने में। यह चारों ही नवरात्र ऋतु परिवर्तन के समय मनाए जाते हैं। नवरात्र (Navratri) यानि मां भगवती के नौ रूपों, नौ शक्तियों की पूजा के वो दिन जब मां हर मनोकामना पूरी करती है।

इन नवरात्रि की पूजा विधि चैत्र और शारदीय नवरात्रि से बिल्कुल अलग होती है। सामान्य नवरात्रि में आमतौर पर सात्विक और तांत्रिक पूजा दोनों की जाती है, वहीं गुप्त नवरात्रि में ज्यादातर तांत्रिक पूजा की जाती है।

अभी माघ महीना चल रहा है लिहाज़ा साल 2021 की पहली गुप्त नवरात्रि – माघ गुप्त नवरात्र 2021, 12 फरवरी (शुक्रवार) से 21 फरवरी (रविवार) तक है। माघ गुप्त नवरात्र में मां शक्ति के 9 स्वरुपों के अलावा दस महाविद्या को भी पूजा जाता है।

Magh Gupt Navratri 2021 Dates

माघ 2021 गुप्त नवरात्रि शुक्ल पक्ष के प्रतिपदा शुक्रवार यानि 12 फरवरी से शुरू हुए हैं। ये गुप्त नवरात्र 21 फरवरी दिन रविवार को संपन्न होंगे।

नवरात्रि शुरू: 12 फरवरी 2021, दिन शुक्रवार
नवरात्रि समाप्त: 21 फरवरी 2021, दिन रविवार

इस बार माघ गुप्त नवरात्रि 2021 दस दिनों की होगी। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि 17 और 18 फरवरी को दोनों दिन षष्ठी तिथि होगी।

12 फरवरी प्रतिपदा तिथि- मां शैलपुत्री, कलश स्थापना
13 फरवरी द्वितीया तिथि- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
14 फरवरी तृतीया तिथि- मां चंद्रघंटा की पूजा
15 फरवरी चतुर्थी तिथि- मां कुष्मांडा की पूजा
16 फरवरी पंचमी तिथि- मां स्कंदमाता की पूजा
17 और 18 फरवरी षष्ठी तिथि- मां कात्यानी की पूजा
19 फरवरी सप्तमी तिथि- मां कालरात्रि की पूजा
20 फरवरी अष्टमी तिथि- मां महागौरी, दुर्गा अष्टमी
21 फरवरी नवमी तिथि- मां सिद्धिदात्री, व्रत पारण

इस साल माघ महीने की गुप्त नवरात्रि में कई शुभ योग भी बन रहे हैं जो हैं- सर्वार्थसिद्धि योग, त्रिुपष्कर अमृतसिद्धि और राजयोग। इन शुभ योगों के कारण गुप्त नवरात्रि के दौरान कोई भी शुभ और मंगल कार्य शुरू किए जा सकते हैं।

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गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के 10 महाविद्याओं की होती है पूजा

गुप्त नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों (शैलपुत्रीब्रह्मचारिणीचंद्रघंटाकुष्मांडास्कंदमाता, कात्यायनीकालरात्रिमहागौरीसिद्धिदात्री) के साथ ही उनकी 10 महाविद्याओं की भी पूजा होती है।

गुप्त नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की बजाय दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है। मां दुर्गा के इन दस महाविद्या के स्वरुप में है – मां कालीमां तारा देवी, मां त्रिपुर सुंदरी, मां भुवनेश्वरी, मां छिन्नमस्ता, मां त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, मां बगलामुखी, मां मातंगी और मां कमला देवी। इस नवरात्र में में तंत्र और मंत्र दोनों के माध्यम से भगवती की पूजा की जाती है।

गुप्त नवरात्र पूजन विधि

  • गुप्त नवरात्र में मां भगवती की साधना गुप्त रूप से की जाती है।
  • मूर्ति स्थापना के बाद मां दुर्गा को लाल रंग के फूल, लाल सिंदूर और लाल रंग की चुनरी चढ़ाई जाती है।
  • आद्य शक्ति की इस साधना में नारियल, केले, सेब, तिल के लडडू, बताशे चढ़ाएं।
  • तन और मन से पवित्र होकर माता की विधि-विधान से फल-फूल आदि चढ़ाने के पश्चात् सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
  • दुं दुर्गायै नमः मंंत्र का जाप करें।

गुप्त नवरात्र महत्व

नाम के अनुसार इस गुप्त नवरात्र में की जाने वाली शक्ति की साधना के बारे में जहां कम लोगों को ही जानकारी होती है, वहीं इससे जुड़ी साधना-आराधना को भी लोगों से गुप्त रखा जाता है। मान्यता है कि साधक जितनी गुप्त रूप से देवी की साधना करता है, उस पर मां भगवती की उतनी ही कृपा बरसती है, पूजा का फल उतना ही अधिक प्राप्त होता है।

तंत्र मंत्र की साधना के लिए गुप्त नवरात्रि को उत्तम माना गया है। ऐसा माना जाता है कि गुप्त नवरात्रि में की जाने वाली पूजा को जितना गुप्त रखा जाता है उतने ही उसके फलों में वृद्धि होती है।

गुप्त नवरात्रि में विधि पूर्वक पूजा करने से कई प्रकार के कष्ट दूर होते हैं। आपकी हर गुप्त मनोकामना पूरी होगी। धन, ऐश्वर्या, सुख और शांति मिलेगी। आप पर अगर कोई संकट है तो वो सब दूर हो जाएंगे। गुप्त नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना शुभ फल प्रदान करने वाला माना गया है। गुप्त नवरात्रि में नियमों का कठोरता से पालन करना चाहिए।

गुप्त नवरात्रि के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं

  • गुप्त नवरात्रि के दौरान मांस-मदिरा, लहसुन और प्याज का बिल्कुल सेवन नहीं करना चाहिए।
  • गुप्त नवरात्रि के दिनों में किसी पशु या जीव-जंतु को न मारें और ना ही उन्हें सताएं।
  • मां दुर्गा स्वयं एक नारी हैं, इसलिए नारी का सदैव सम्मान करना चाहिए। जो नारी का सम्मान करते हैं, मां दुर्गा उन पर अपनी कृपा बरसाती हैं।
  • नवरात्रि के दिनों में घर में गुस्सा, कलेश, द्वेष या अपमान नहीं करना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से बरकत नहीं होती है।
  • नवरात्रि में स्वच्छता का विशेष ख्याल रखना चाहिए। नौ दिनों तक सूर्योदय से साथ ही स्नान कर साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।
  • नवरात्रि के दौरान काले रंग के वस्त्र नहीं पहनने चाहिए।
  • गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करने वाले व्यक्ति को चमड़े (Leather) से बनी बेल्ट, जूते या किसी भी वस्तु का भूलकर भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
  • मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान बाल कटवाना, दाढ़ी बनवाना या नाखून काटना भी अशुभ माना जाता है।
  • नवरात्रि के दौरान बिस्तर पर नहीं बल्कि जमीन पर सोना चाहिए।
  • घर पर आए किसी मेहमान या भिखारी का अपमान नहीं करना चाहिए।

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Magh Gupt Navratri 2021 की हार्दिक शुभकामनाएं !!

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(इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)

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