Somvati Hariyali Amavasya 2020: भगवान शिव को समर्पित सावन माह के हर सोमवार का बहुत महत्व होता है, लेकिन इस बार सावन का तीसरा सोमवार ज्यादा फलदायी है। 20 जुलाई को श्रावण सोमवती अमावस्या (अमावस्या सोमवार के दिन) होने के कारण इस बार इसका महत्व और अधिक बढ़ गया है। श्रावण मास की अमावस्या को श्रावण अमावस्या, श्रावणी अमावस्या या हरियाली अमावस्या भी कहते हैं। इस अमावस्या पर शिवजी के साथ ही देवी पार्वती, गणेशजी, कार्तिकेय स्वामी और नंदी की विशेष पूजा की जाती है।
इस सावन में खास बात यह भी है कि सावन 2020 की शुरुआत सोमवार से हुई तो सावन का समापन भी सोमवार के दिन ही होगा। हम आपको इस लेख मे हरियाली अमावस्या साल 2020 में कब होगी, हरियाली अमावस्या की पूजा का शुभ मुहूर्त, हरियाली अमावस्या का क्या महत्व है, हरियाली अमावस्या पूजा विधि, हरियाली अमावस्या के उपायों के बारे में बताएंगे।
Somvati Hariyali Amavasya 2020 Muhurat
अमावस्या तिथि प्रारम्भ – 20 जुलाई की रात 12 बजकर 10 मिनट पर
अमावस्या तिथि समाप्त – 20 जुलाई की रात 11 बजकर 02 मिनट पर
इस बार सोमवती अमावस्या के दिन दुर्लभ संयोग बन रहा है। 20 जुलाई के दिन पुनर्वसु नक्षत्र, सोमवार के दिन और अमावस्या से पुष्कर योग बन रहा है। पुष्कर योग में शिवपूजा करने से विवाह, धनधान्य, संतान और सेहत का सुख मिलता है और सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
अमावस्या पर किया जाता है व्रत
हरियाली अमावस्या पर माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करने से उनकी कृपा बनी रहती है। इस दिन विवाहित स्त्री और अविवाहित कन्याएं दोनों व्रत कर माँ पार्वती का पूजन करती है। जीवन साथी के सौभाग्य, वैवाहिक जीवन सुखी बना रहे और अच्छे स्वास्थ्य के लिए महिलाएं व्रत करती हैं। कुवारी कन्याएं हरियाली अमावस्या पर मनचाहा वर प्राप्त करने के लिए व्रत रखती है।
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हरियाली अमावस्या पूजा विधि
ज्योतिषाचार्य के अनुसार सोमवार 20 जुलाई को चन्द्र, बुध, गुरु, शुक्र और शनि ग्रह भी अपनी राशि में रहेंगे। इस दिन भगवान शिव का पूजन फलदायी रहेगा। इस कारण कई राशियों पर इनका शुभ प्रभाव होगा।
सावन की अमावस्या में तीर्थस्थान के दर्शन करना, पवित्र नदी में स्नान करना, दान और जप करना शुभ माना जाता है और ये बहुत फलदायी माना जाता है। कोरोना वायरस (Coronavirus) से बढ़ते कहर के मद्देनजर हरिद्वार में गंगा स्नान करने की बजाए घर पर ही मां गंगा का स्मरण करके और पवित्र भावों से स्नान करें। इसका पुण्य लाभ सभी को मिलेगा।
इस अमावस्या पर भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती, गणेशजी, कार्तिकेय स्वामी और नंदी की विधि विधान से पूजन अवश्य करें। पूजा में ऊँ उमामहेश्वराय नम: मंत्र का जाप करें। माता को सुहाग का सामान चढ़ाएं। शिवलिंग पर पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और मिश्री मिलाकर) अर्पित करें।
इसके अलावा पीपल की पूजा की जाती है और मालपुहा का भोग लगाया जाता है। महिलाओं को तुलसी की 108 बार परिक्रमा करनी चाहिये।
हरियाली अमावस्या पर लगाएं पौधा
सावन माह की ये तिथि प्रकृति को समर्पित है। इस दिन प्रकृति को हरा बनाए रखने के लिए पौधा लगाना चाहिए। किसी मंदिर में या किसी सार्वजनिक स्थान पर छायादार या फलदार पौधे लगाएं। साथ ही, इस पौधे का बड़े होने तक ध्यान रखने का संकल्प भी लें। वेदों के अनुसार आरोग्य प्राप्ति के लिए नीम का पेड़, सुख की प्राप्ति लिए तुलसी का पौधा, संतान प्राप्ति के लिए केले का वृक्ष और धन सम्पदा के लिए आंवले का पौधा लगाएं।
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अमावस्या पर पितर देवताओं की करें पूजा
अमावस्या तिथि पर घर के पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध कर्म करने की परंपरा है। अमावस्या तिथि की दोपहर में पितरों के लिए धूप-ध्यान करना चाहिए। गाय के गोबर से बना कंडा जलाएं और उस पर पितरों का ध्यान करते हुए गुड़-घी अर्पित करें।
क्या करें हरियाली अमावस्या के दिन
- महिलाओं को तुलसी की 108 बार परिक्रमा करनी चाहिये।
- इस दिन स्नानादि करने के पश्तात पीपल के वृक्ष, तुलसी की पूजा कर जल, दूध चढ़ाना चाहिये।
- भूखे और गरीब लोगों को दान-पुण्य के रूप में कुछ भेंट दें।
- यदि आप सर्पदोष, शनि की दशा और प्रकोप व पितृपीड़ा से परेशान हो तो हरियाली अमावस्या के दिन शिवलिंग पर जल और पुष्प चढ़ाएं।
- स्वच्छ पर्यावरण के लिए बरसों से आ रही प्रथा को निभाने के लिए एक पौधा जरुर लगाएं।
हरियाली अमावस्या महत्व| Significance of Hariyali Amavasya
श्रावण मास में पड़ने वाली अमावस्या का बहुत महत्व माना गया है। सावन में हर तरफ हरियाली छा जाती है, मां धरती इस समय पेड़ पौधो से हरी भरी रहती है। इसलिए इसे हरियाली अमावस्या कहा जाता है। सावन के माह में प्रकृति की हर चीज बारिश में नहा कर एक दम नई प्रतीत होती है। इस समय प्रकृति का नजारा बेहद मनोरम होता है। इसलिए यह समय प्रकृति के प्रति आपनी कृतज्ञता व्यक्त करने का होता है। प्रकृति की दृष्टि से भी यह अमावस्या बहुत महत्व रखती है।
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हरियाली अमावस्या के दिन किए जाने वाले उपाय
इस दिन शास्त्रों के अनुसार पूजन करने से विशेष लाभ मिलता है। परेशानियों को दूर करने के लिए हरियाली अमावस्या के दिन कई उपाय भी किए जाते हैं। जानते हैं क्या हैं वे उपाय –
- किसी नदी या तालाब में जाकर मछली को आटे की गोलियां बनाकर खिलाएं।
- चीटियों को चीनी, किरीनगरा या सूखा आटा खिलाएं।
- गाय को हरा चारा, गुड देवे।
- हनुमान मंदिर जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए साथ ही हनुमान जी को सिंदूर, चोला और चमेली का तेल चढ़ाए।
- सावन अमावस्या की शाम को मां लक्ष्मी को खुश करने के लिए घर के ईशान कोण में घी का दीपक जालाएं। इस दिन ऐसा करने से दरिद्रता घर के कोसों दूर रहती है और धन आगमन के रास्ते खुलते हैं।
- इस दिन शिव जी की विधिवत पूजा करें और उन्हें खीर का भोग लगाएं। ऐसा करने से आपकी मनोकामना शीघ्र ही पूरी होगी।
- हरियाली अमावस्या की संध्या को घर में पूजा करते समय पूजा की थाली में स्वास्तिक या ऊँ बनाकर और उसपर महालक्ष्मी यंत्र रखें फिर विधिवत पूजा अर्चना करें, ऐसा करने से घर में स्थिर लक्ष्मी का वास होगा और आपको सुख समृद्धि की प्राप्ति होगी।
- हरियाली अमावस्या के दिन वृक्षों का पूजन करने का बहुत महत्व होता है। इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करके इसकी परिक्रमा की जाती है।
Somvati Hariyali Amavasya 2020 की हार्दिक शुभकामनाएं !!
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(इस आलेख में दी गई Somvati Hariyali Amavasya 2020 की जानकारियां धार्मिक आस्थाओं, हिंदू पांचांग और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं।)




